खंडा
खंडा, khanda
यह सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है। इसमें दो तलवारें एक दोधारी तलवार के ऊपर क्रॉस की हुई हैं।
यह प्रतीक सिखों के विश्वास और साहस का प्रतिनिधित्व करता है। बीच में स्थित वृत्त अनंत काल का प्रतीक है, जबकि दो तलवारें आध्यात्मिक और लौकिक शक्ति का प्रतीक हैं।
यह सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है। इसमें दो तलवारें एक दोधारी तलवार के ऊपर क्रॉस की हुई हैं।
यह प्रतीक सिखों के विश्वास और साहस का प्रतिनिधित्व करता है। बीच में स्थित वृत्त अनंत काल का प्रतीक है, जबकि दो तलवारें आध्यात्मिक और लौकिक शक्ति का प्रतीक हैं।
१७वीं शताब्दी में निर्मित, यह प्रतीक सिख धर्म के पाँच मुख्य मूल्यों का प्रतीक है: न्याय, करुणा, नैतिकता, आध्यात्मिकता और साहस। यह दुनिया भर में सिखों के लिए पहचान का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गया है।
आधुनिक समय में, यह अपने धार्मिक अर्थ को पार करके विविधता और समावेश का प्रतीक बन गया है। भारतीय प्रवासी समुदाय के भीतर एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में इसका विशेष महत्व है और यह वैश्विक फैशन और कला में प्रेरणा के स्रोत के रूप में कार्य करता है।
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